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6 Aug 2023 · 1 min read

अच्छाई

अच्छाई
तुम एक
विरासत हो
किसने की ,क्यों की
कब की,कहाँ की
फ़र्क़ नहीं पड़ता
पर तुम ही तो
शाश्वत हो
तुम्हारी बहुत बड़ाई
ना सही
पर तुम देती बहुत
ताक़त हो
तुम ही तो हो
जिसने कुछ तो
सँभाल रखा है
वरना हर
मोड़ पर
टकराहट हो
तुम ही तो
समझा पाती हो
क्या करें,क्या ना करें
क्षणिक निर्णय
जो उलटे सीधे
दिल में आते हैं
उनको तुम ही तो
बदल पाती हो।

डॉ निशा वाधवा

1 Like · 2 Comments · 124 Views

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