अचार
कच्चे-कच्चे आम का, माँ डालो न अचार।
मिर्च मसाले साथ में, आता स्वाद अपार।।। 1
खट्टा मीठा सब तरह,माँ डालो न अचार।
शौकीनो की फौज को, मिला न इसका पार।।। 2
ईश्वर की है देन ये,फल फूल का सार।
बे मौसम का लाभ भी, देता रहे अचार।। 3
खनिज लवण भरपूर है, खा लो जरा अचार।
विटामिनो से पूर्ण है, इसका सारा सार।।। 4
आम करौंदा साथ में, डाले लोग अचार।
तेल कलौंजी डाल दे, खुशबू रहे अपार।।। 5
तेल वसा से युक्त है, जानो इसका सार।
जीवन का सरताज है,लहसुनयुक्त अचार।। 6
सब्जी से अब मन भरा, चटनी दो तुम पीस।
चाट मसाला डालकर, भोजन बने लजीज।। 7
मीठी मीठी चासनी, पकी कढाई तार।
डुबो डुबो फिर आँवला,बना मुरब्बा यार।। 8
गुणी मुरब्बा डालिये,और डालें अचार।
सालों रखकर आँवला, करिये नहीँ विचार।।9