*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)
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अग्रसेन को नमन आगे बढ़ लिया प्रण
बोले पशु बलि नहीं राज्य में चलाऊँगा
मुझ में बसे हैं प्राण वही प्राण पशु में हैं
वेदना की अनुभूति सम समझाऊँगा
जियो और जीने दो का गूँजे चहुँ ओर भाव
पशुबलि पर प्रतिबंध लगवाऊँगा
आज से शपथ लेंगे गोत्र साढ़े सतरह
मांस को कदापि नहीं जीवन में खाऊँगा
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रचयिता ■रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451