अग्निवीर
वीर हैं यहा सभी,
अग्निवीर हैं बना रहे।
चार साल देश को,
फिर देश को बचा रहे।।
चारो ओर शत्रु हैं,
और घेर कर खड़े तुम्हे।
मारने को आतुर हैं,
ये भाईचारा अब तुम्हे।।
अग्निवीर एक सोच हैं,
मजबूत तुमको करने की।
संकीर्णता एक रोग हैं,
मजबूर तुमको करने की।।
ललकार भारद्वाज