अग्निवीर
देशभक्ति का प्रमाण इन्हें, ऐसा अनचाहा परिवार न दो।
अग्निवीर के नाम लुभावने, निहित वर्ष यह चार न दो।।
दिल्ली बैठी खिल्ली उड़ाने, हर जवान के चाहत पर।
राहत खातिर मृगमरीचिका, वाले यह रोजगार न दो।।
कहते हो गर इसे मुनासिब, तो यह भी एक काम करो।
हर नेता हर अभिनेता के, पूत भी इनके नाम करो।।
या फिर रोक दो इनकी भत्ता, निस्वार्थ सेवा ही हो जाये।
अग्निवीर के शुभचिंतक यह, कर्मवीर भी कहलाये।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित १७/०६/२०२२)