अगर होता दिल पत्थर का
ना महसूस होता दुःख ना दर्द कोई
अगर होता दिल मेरा पत्थर का।
कोई तोड़ भी जाता दिल,
तो फर्क ना परता कोई,
यु ही खुश रहता हर पल,
जैसे हर दिन बसंत होई,
अगर होता दिल मेरा पत्थर का।
ना बहती कोई भावनाओं में,
ना हिचकती फैसले लेने में,
दया कि कोई काया न होती,
ना आंसु होते नैनन में,
हर घड़ी मस्त रहती अपने जीवन में,
हर पाषाण होता दिल मेरा।
ना गम किसी का खोने का,
ना खुशी किसी कि आने कि,
दुनिया में हम तन्हा ना होते,
अगर होता दिल मेरा पत्थर का।
शायद इस दुनिया में भी जीते हम,
बड़े चेन से,
अगर होता दिल मेरा पत्थर का।