अगर मंजिल पाना है तो
अगर मंजिल पाना है तो,
अकेले सफर करना होगा
दुनिया वाले लाख कुछ कहें,
कुछ न असर करना होगा।
अगर मंजिल पाना है तो…….
पथ में काँटे अनेक होगें,
पग न पीछे धरना होगा ।
कंकड़ पत्थर से टकराकर भी,
गिर – गिरकर तुम्हें संभलना होगा।
अगर मंजिल पाना है तो……..
मिलेंगे होंठों से पिलाने वाले भी,
लेकिन तुम्हें न उन पर मरना होगा।
जो प्रण किया है आज तुमने,
उससे न तुम्हें मुकरना होगा।
अगर मंजिल पाना है तो………
साथ कोई देगा नहीं,
सबका आसरा छोड़ दो।
अपने साहस बल से तुम,
तूफान का रुख भी मोड़ दो।
आखिर में तुम्हें सबसे,
अकेला ही चलना होगा।
अगर मंजिल पाना है तो…….
दीपाली कालरा