अगर जिंदगी होती
अगर जींदगी होती तो कुछ यूँ होती
तु होता तेरी यादें होती
ना बेवफाई का आलम होता
ना जालिम ये दुनियाँ होती
अगर जिंदगी होती तो कुछ यूँ होती
तु होता तेरी यादें होती
कुछ खत याद तेरे लिखती
कुछ अपनी हाले दिल बया करती
अगर जिंदगी होती तो कुछ यूँ होती
तु होता तेरी यादें होती
कुछ धुधंली सिमटी राहो पर तु अपनी कहता
मै दिवानो कि तरह तेरी हर अलफ़ाज़ को सुनती
और कुछ ना कहती बस एक टक तुझे देखती
सुकून पोहचाने इन राहो पर तेरे हाथों में हाथ थामे आगे बढ़ती
अगर जिंदगी होती तो कुछ यूँ होती
तु होता तेरी यादें होती