अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते,
ये आंसू आंखो से रुक जाते।
लगा लेते तुम मुझको सीने से,
मन के सारे मैल धुल जाते।।
विरह वेदना से मै जलती हू,
बिन अग्नि के मै जलती हूं ।
जरूरत नहीं अब माचिस की,
बिन माचिस के अब जलती हूं।।
बिन पानी के मै नहा जाती हूं,
जब पसीने से नहा जाती हूं।
धधक रही है ज्वाला इतनी,
बिन नहाए मै नहा जाती हूं।।
सब सखियां झूले में झूल रही
मै मौत के झूले में झूल रही।
कब आएंगे वो तुम्हे झुलाने,
सारी सखियां मुझ से पूछ रही।।
अगर तुम मेरी मांग भर जाते,
सब लोगो के मुंह बंद हो जाते।
कर देते अगर तुम ये सब कुछ,
जिंदगी के अरमां पूरे हो जाते।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम