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2 Dec 2021 · 1 min read

अगर इनकार दिल में है तो फिर इजहार जाने क्यों।

गज़ल- फिल से हासिल
1222…..1222……1222…..1222

अगर इनकार दिल में है तो फिर इजहार जाने क्यों।
अगर मुझसे शिकायत है तो करते प्यार जानें क्यों।

तुम्हारे दिल में दुश्मन के लिए है प्यार जाने क्यों।
तो फिर रहते हो खाते देश में गद्दार जाने क्यों।

अगर कानून है हर जुल्म से सख्ती से निपटो भी,
हमारे देश में फैला ये अत्याचार जाने क्यों।

हमें आपस में मिलने की रही कोई न गुंजाइश,
न जाने किसने खीचीं जाति की दीवार जाने क्यों।

जो निकले हैं मुहब्बत के भँवर से रब की मर्जी है,
के दरिया इश्क में डूबे बहुत मझधार जाने क्यों।

जो प्रेमी हैं वो जाने प्यार का विस्तार दुनियाँ में,
छुपा है ढाई आखर में ही जग का प्यार जाने क्यों।

……✍️ प्रेमी

1 Like · 184 Views
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