अक्स
मेरी वफा मेरा ईश्वर जानता है।
तेरी वफा तेरा ईश्वर।।
मुझसे क्या पूछता है तु।
पूछना है तो अपने ईश्वर से पूछ।।
मुझसे क्या सवाल करना।
पहले अपने अक्स से नजरे तो मिला।।
मेरा अक्स तो आईना है।
तु आईने के सामने आ के तो दिखा।।
जुंबा भी अपनी रुह भी अपनी।
मेरी लफ्जों से अपनी रूह को
मिला कर देख तो जरा।।
कत्ल तु करे कातिल मैं कहलाऊँ।
ऐसी अपनी कोई अरदास नहीं
इतनी भी तुझसे इश्केमोहब्बत नहीं।।
~रश्मि