अक्षय तृतीया ( आखा तीज )
अक्षय तृतीया ( आखा तीज )
फल भी वैसा ही मिले, डालो जैसा बीज।
अक्षय फल हर कर्म का, देती आखा तीज।।
ईश्वर का प्रतिरूप है, आखा तीज अमूर्त।
काम सभी निर्विघ्न हों, सोचें नहीं मुहूर्त।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
अक्षय तृतीया ( आखा तीज )
फल भी वैसा ही मिले, डालो जैसा बीज।
अक्षय फल हर कर्म का, देती आखा तीज।।
ईश्वर का प्रतिरूप है, आखा तीज अमूर्त।
काम सभी निर्विघ्न हों, सोचें नहीं मुहूर्त।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद