Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

अकेलापन

अकेलापन किसी को डराता,
किसी के मन को अकेला रहना भाता।

आधुनिकता की होड़ में बहुत कुछ बदल गया,
मिलकर रहने की बजाय प्राइवेसी का जमाना हो गया।

अब लोग ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं करते,
अपने में मस्त एकांत जीवन व्यतीत करते।

‘डोंट डिस्टर्ब’ का बोर्ड घर या दरवाजे के बाहर लगाते,
अपने ही घर में एक दूसरे से बात करने से कतराते थे।

हद तो वहांँ हो जाती जहांँ
माता-पिता ,
बच्चों की शक्ल देखने को तरस जाते।

एक समय था जब अकेलापन काटने को दौड़ता था,
आज कुछ भी काम करना है तो अकेले ज्यादा अच्छा लगता है।

कारण कुछ भी हो पर करोना काल ने,
इंसान को अकेलेपन का आदी बना दिया।

भीड़भाड़ से अकेले में रहना वह ज्यादा पसंद करता है,
फोन के कारण जिंदगी में बहुत से कामों को अकेला ही कर लेता है।

घर बैठे पर ही जब सब काम फोन पर हो जाता हो,
सोचिए फिर क्यों किसी से जाकर माथापच्ची हो।

ख्याल अपना – अपना पसंद अपनी अपनी,
मानो तो सब कुछ,ना मानो तो कुछ भी नहीं।

नीरजा शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neerja Sharma
View all
You may also like:
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
Sonam Puneet Dubey
मे तुम्हे इज्जत,मान सम्मान,प्यार दे सकता हु
मे तुम्हे इज्जत,मान सम्मान,प्यार दे सकता हु
Ranjeet kumar patre
महाकाल का आंगन
महाकाल का आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
Dr. Man Mohan Krishna
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
अच्छा खाना
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
Ravi Prakash
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Manisha Manjari
"जिद"
Dr. Kishan tandon kranti
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
शेखर सिंह
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
Raju Gajbhiye
वृक्षों की भरमार करो
वृक्षों की भरमार करो
Ritu Asooja
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
गुमनाम 'बाबा'
अब के मौसम न खिलाएगा फूल
अब के मौसम न खिलाएगा फूल
Shweta Soni
स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
पूर्वार्थ
पार्थगाथा
पार्थगाथा
Vivek saswat Shukla
ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी का सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
उस पद की चाहत ही क्या,
उस पद की चाहत ही क्या,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
???
???
*प्रणय प्रभात*
चार मुक्तक
चार मुक्तक
Suryakant Dwivedi
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
4074.💐 *पूर्णिका* 💐
4074.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
Loading...