अकथ कहानी है सेना की, भारत के वीर जवान की
अकथ कहानी है सेना की, भारत के वीर जवान की शौर्य और पराक्रम, लाज भारत माता के आन की
थाम तिरंगा खड़ी हुई है, सीमाओं की रक्षा में
जान हथेली पर लेकर, सर्दी गर्मी और बर्षा में
जल थल और नभ सेनाएं, अपना कर्तव्य निभातीं हैं कुर्बानी देती जीवन की, भारत की शान बढ़ाती है भारत की सेनाओं का, स्वर्णिम एक इतिहास रहा है विश्व युद्धों में सेना ने, हरदम देश का मान रखा है
शौर्य और अनुशासन में, फौज का कोई जवाब नहीं दुनिया में मेरे जवान की, मिलती कहीं मिसाल नहीं हंसते-हंसते सीमाओं पर, जान नियौछावर करते हैं शांति काल हर विपदा में, देश की सेवा करते हैं
अलग है फौज की संस्कृति, जीने का अंदाज निराला है आकर्षक हैं परिसर, कार्यालय क्लब मैस सब आला है अपनी मेहनत और पैसे से, रखते हैं मेंटेन सदा अनुपयोगी भी कबाड़ को, सुंदरता से रखते हैं सजा
हर एक रेजीमेंट की, वीरता की अलग कहानी है
जल थल और नभ सेना का, पराक्रम एक निशानी है सन 61 में सेना ने, चीन को सबक सिखाया
एक लाख फौज आत्मसमर्पण का,
हमने इतिहास बनाया
शत शत नमन वीर जवानों के, चरणों में हम करते हैं उनके इस अमूल्य योगदान पर, गर्व सदा करते हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी