अंबा नाम उचार , भजूं नित भवतारीणी। अंबा नाम उचार , भजूं नित भवतारीणी। परतख करजै पार, बीसहथी मां बायणी।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️