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10 Nov 2021 · 1 min read

अंधेरा पसरा है (गीत)

अंधेरा पसरा है (गीत)
■■■■■■■■■■■■■■■
बीत गई दीवाली फिर से अंधेरा पसरा है
(1)
कहां गई बाजारों में बिजली की झालर
जलती
कहां गई बल्बों की जैसे नदी एक हो चलती
प्रश्न अँधेरे से लड़ने का औंधा गिरा पड़ा है
बीत गई दीवाली फिर से अंधेरा पसरा है
(2)
जगह-जगह आतिशबाजी का कूड़ा कौन
समेटे
आधी रात फोड़कर बम अब सोते राजा बेटे
सुबह हारकर जो लौटा है उसके घर झगड़ा
है
बीत गई दीवाली फिर से अंधेरा पसरा है
********************************
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: गीत
147 Views
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