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13 Dec 2019 · 1 min read

अंधेरा नज़र आता हैं

करू आँख बंद तो कोई चेहरा नज़र आता हैं!
आँख खुली तो दूर तक अंधेरा नज़र आता हैं!

खो गया हूँ मैं दुनिया की भीड़ में कहीं शायद!
इस शहर में हर चेहरा अजनबी नज़र आता हैं!

देखता हूँ जब आईने में चेहरा गौर से खुद का!
खुद के अरमानो का ही क़ातिल नज़र आता हैं!

चंद लोग ही हैवान हैं फिर क्योँ सिर्फ़ मुझको!
हर चेहरा भीड़ में मुजरिम सा नज़र आता हैं!

हमने पूछा जब उनसे यूँ मेरे मिलने का सबब!
बोले के आप का अंदाज़ अलग नज़र आता हैं!

हम ने मिटाया जब हस्ती को खुद ही अपनी!
तब कही दुआओं में कुछ असर नज़र आता हैं!
?-AnoopS©
13 Nov 2016

6 Likes · 2 Comments · 398 Views
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