अंधी दुनिया…..
अंधी दुनिया है ये,
जहाँ दिलों की अहमियत को नहीं समझा जाता।
सिर्फ दौलत, सम्मान और शोहरत ही हैं,
जिसे पाने के लिए लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी पड़ती है।
यहाँ सुख-दुख का कोई मोल नहीं है,
जीते जी मरने से कोई फर्क नहीं है।
समाज की मुश्किलें सिर्फ व्यक्ति को ही होती हैं,
उसके साथ इसका कोई सम्बन्ध नहीं होता।
अंधी दुनिया में समझदारी नहीं होती,
जहाँ सबकुछ पैसों से मोल लिया जाता है।
कोई भावनाओं को समझता नहीं है,
जो दिल के करीब होती हैं, उन्हें समझना नहीं जाता है।
अंधी दुनिया में जीवन का कोई मकसद नहीं होता,
सबकुछ बस एक दिखावे के लिए होता है।
लोगों को अपनी नजर में खुश रखने के लिए,
व्यक्ति अपने स्वार्थ को भूल जाता है।
अंधी दुनिया में सच्चाई की कोई मूल्य नहीं होती,
जहाँ झूठ और धोखे से सबकुछ होता है।
लोगों को पाप करने से डर नहीं लगता,
परमात्मा के सामने हाथ जोड़ने से डरते हैं।
अंधी दुनिया में जीवन बस एक खेल होता है,
जिसे जीतने के लिए लोगों को कुछ भी करना पड़ता है।
पर इस खेल में जीत होती है तो क्या होता है,
अंत में सबकुछ तो सिर्फ एक मिट्टी में मिल जाता है।
अंधी दुनिया से हमेशा सावधान रहना होगा,
जिसमें सत्य, न्याय और प्रेम का कोई महत्व नहीं होता।
जहाँ सिर्फ अपने स्वार्थ की पूर्ति होती है,
वहाँ से हमेशा दूर रहकर, सही राह पर चलना होगा।
Vishal babu..✍️✍️✍️