अंधविश्वास
सपेरे साँपो को पालते है ।
बिषैले दाँतो को जो तोड़ते है।
आतंकी अपनो में है खुला घुमता,
निरापराधी प्राणी को जो जकड़ते है.।।.
बीनकी धुनो पे जो नाचते है।
अंधविश्वासी है जो मानते है।
लोगों की नजरों में भोला होता,
मौका पाके विषही उगलता है।।.
सज्जो चतुर्वेदी**********