अंधकार का अंत
कुंडलिया
अंधकार का अंत
जैसे करते सूर्य हैं , अंधकार का अंत |
वैसे देते ज्ञान हैं , सद्गुरु रूपी संत ||
सद्गुरु रूपी संत , रूप में प्रभु ही आते |
आकर अपना भेद , स्वयं वे ही बतलाते ||
निज सम गुरु निज शिष्य, जनों को करते कैसे | हो जाती है बूँद , सिंधु में मिलकर जैसे ||
अवध किशोर अवधू
ग्राम – बरवाँ (रकबा राजा)
पोस्ट – लक्ष्मीपुर बाबू
जनपद – कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)
पि.न.-274407
मो.न.-9918854285