Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2021 · 1 min read

अंदाज़े – बयाँ

अंदाज़े – बयाँ

खामोश रहकर भी बहुत कुछ कहने का सिला है तुझमे
तू जहां से भी गुजरे, तेरी खामोश निगाहें बयाँ करें तुझको

इन्तिख़ाब किया है उस खुदा ने इंसानियत की राह के लिए तुझको
खुदा के हर एक बन्दे से तुझे मुहब्बत हो जाए ये आरज़ू है मेरी

इंतिकाम की राह पर खुदा के बन्दे जाया नहीं करते
कुर्बान कर देते हैं खुद को खुदा की राह पर , पर किसी को सताया नहीं करते

वो इबादत की एक नई इबारत चाहते हैं रोशन करना
खुदा के हर एक बन्दे को खुदा के करीब लाने की आरज़ू लिए

इमारत इबादत की बुलंद की है उसने कुछ इस तरह
खुदा की राह में खुद को कुर्बान कर देते हैं कुछ इस तरह

इंसान का इंसानियत पर से जिस दिन भरोसा उठ जाएगा
आदमी आदमी न रहेगा कीड़ा होकर रह जाएगा

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
Paras Nath Jha
रूठे को पर्व ने मनाया
रूठे को पर्व ने मनाया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
त्यौहारों का संदेश!
त्यौहारों का संदेश!
Jaikrishan Uniyal
साला - जीजा।
साला - जीजा।
Kumar Kalhans
.
.
*प्रणय*
श्राद्ध
श्राद्ध
Dr Archana Gupta
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
आधार
आधार
ललकार भारद्वाज
संदेह
संदेह
Kanchan verma
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
मैं घमंडी नहीं हूँ
मैं घमंडी नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
Ravi Prakash
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
रिश्ते
रिश्ते
प्रदीप कुमार गुप्ता
उड़ने दो
उड़ने दो
Uttirna Dhar
जीवन समर है
जीवन समर है
आशा शैली
बड़े वो हो तुम
बड़े वो हो तुम
sheema anmol
4309.💐 *पूर्णिका* 💐
4309.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमारा प्यार
हमारा प्यार
Dipak Kumar "Girja"
कभी पत्नी, कभी बहू
कभी पत्नी, कभी बहू
अनिल "आदर्श"
" जुबां "
Dr. Kishan tandon kranti
उत्तराधिकार
उत्तराधिकार
Shashi Mahajan
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
30 वाॅ राज्य
30 वाॅ राज्य
उमा झा
कुंभकार
कुंभकार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
स्त्री यानी
स्त्री यानी
पूर्वार्थ
Loading...