अंदाज अपना अपना
कभी भी छेड़ दो नीलम,
हृदय का साज अपना है।
नहीं पीटा ढिंढोरा आज तक,
कुछ ऐसा राज़ अपना है।
नहीं कुछ आम,सुन ऐ सनम
जब मैं खुद ही हूं नीलम।
दिखूं हरदम मैं सबसे जुदा,
हां यही अंदाज अपना है।
गर हो जाओ असफल तुम,
तो हमको याद न करना।
मगर मिल जाए सफलता तो,
सुनो वो ताज अपना है।
नयी कोई दास्तां है ये,
नीलम ऐसा न तुम समझो।
हम तो देखते आए शुरू से,
ऐसा ही समाज अपना है।
नीलम शर्मा