अंदाज़ जुदा होता है।
खामोशी का अंदाज जुदा होता है।
ऐसा सख्स समन्दर सा गहरा होता है।।1।।
हर परेशानी आ कर टल जाती है।
रात के बाद ही उजला सवेरा होता है।।2।।
कभी कभी खुदा भी ना सुनता है।
बिन बारीशे आब सेहरा सूखा होता है।।3।।
गर मिले वफा के बदले बे वफाई।
तो मरीजे दिल को सुकूं ना मिलता है।।4।।
खयाले यार बस दिल में रहता है।
दर्द ए इश्क जब हदसे ज्यादा होता है।।5।।
मांग लो कुछ भी जितना चाहिए।
हर चीज में ही बेशुमार खुदा होता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ