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26 Feb 2020 · 1 min read

अंतहीन प्रश्न

‌जीवन एक अंतहीन प्रश्न की भांति आकांक्षा और अभिलाषा को समेटे हुए ।
‌आशाओं और निराशाओं के पलों को समाहित किए हुए ।
‌व्यथाओं और कुंठाओं से युक्त क्षणों को लिए हुए ।
‌आधारहीन तर्कों की विवेचना करते हुए यथार्थ को नकारते हुए ।
‌परिकल्पनाओं को प्रतिपादित करते हुए।
‌ आत्मविश्लेषणहीन आत्मवंचना करते हुए।
‌ असत्य को सत्य के आवरण में प्रस्तुत करते हुए ।
‌कर्तव्यों के निर्वाह में हानि लाभ खोजने का प्रयत्न करते हुए ।
‌कूटनीति और षडयंत्रों के नव आयामों को खोजते हुए ।
‌असफलता की हताशा से कुंठा ग्रस्त होते हुए।
अंत में वितृष्णा लिए जीवन से विमुख होकर वैराग्य भाव से जीवन की सार्थकता तलाशते हुए प्रश्न बन कर रह जाते हुए ।

Language: Hindi
4 Likes · 8 Comments · 338 Views
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