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3 Jul 2017 · 1 min read

अंतर्मन की पीड़ा

किसे और कैसे बतलाऊँ

किसे और कैसे बतलाऊँ
अन्तर्मन की पीडा को
कौन यहॉ है,जो समझेगा
सम्वेदन की पीडा को ।
कोई नहीं दुनिया में अपना
सभी यहॉ बेगाने हैं ।
जाऊँ कहॉ मैं छोड़ विकल यह
अन्तर्मन की पीडा को ।।

अजब निराले ये रिश्ते हैं
कहने को सब अपने हैं
अपनों के हूँ बीच भले मैं
अनजाने पर सपने हैं ।
कहे- अनकहे रिश्तों की यह
कैसी अज़ब कहानी है ।
न जीने दे न मरने दे यह
अन्तर्मन की पीडा को ।।

आरती लोहनी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 710 Views
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