अंडा चोर मुलाजिम
***** अंडा चोर मुलाजिम******
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पुलसिये के हाथ मे था मोटा डंडा,
चोरी से जेब मे डाल रहा था अंडा।
सोच रहा था वो सबसे नजरअंदाज,
चोरी करने उसका अनोखा अंदाज।
वो कर रहा था चुपके से हाथ साफ,
देख के अंडा मालिक ने किया माफ।
चोर चाहे जितना भी हो जो सतर्क,
पकड़े जाने पर नचलता तर्क कुतर्क।
तीसरी आँख का खुला हुआ कैमरा,
कैद हुआ उसका करतब जो करा।
वीडियो जो बनाई हो गई वायरल,
SP कार्यालय का बजा था सायरन।
मुलाजिम की खुली सारी पोल पट्टी,
अधिकारी ने बैठाया बेवर्दी टाट पट्टी।
SP महोदय ने कर दिया है सस्पैंड,
छोटो सी घटना ने बजा दिया है बैंड।
मनसीरत देता है सबको एक सीख,
चोरी मत करो चाहे मांग लो भीख।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)