अंजान बन जाते हैं।
एक दूसरे की खातिर अंजान बन जाते है।
जिंदगी जिएंगे भले ही बेजान बन जाते है।।1।।
ना तुम मुझे पहचानना ना मैं तुम्हे जानूंगा।
अपनी इश्के दास्तांन गुमनाम कर जाते है।।2।।
लाख जमाना तंज देगा मुझे बेवफाई का।
चलों यह जिन्दगी तुम्हारे नाम कर जाते है।।3।।
हम वैसे ही बदकिस्मत थे इस दुनियां में।
हर इश्क ए गुनाह अपने नाम कर जाते है।।4।।
तुमको ना बदनाम होने देंगे हम जहां में।
सबको अपनी बुराई का पैगाम दे जाते है।।5।।
हमारे जैसा अकीदा ना करना लोगो पर।
लोग दुनियां में यूं ही बदनाम कर जाते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ