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18 Feb 2021 · 1 min read

अंकुरित से रिश्ते

रिश्ते अंकुरित से होते हैं
कुछ जिंदा से भी रहते हैं

मुरझा जाते गलत फहमी में
यूँ बिखर अंहकार में जाते हैं

खुशियों का हर लम्हा तुम भी
आन्नद की घड़ियाँ जी लेते हैं

बिगडी बात संवर जाती है
महको, फनकार बहते ये हैं

बस इतनी सी हसरत दिल में
तेरे नाम की माला जपते हैं

पाने की कोशिश बहुत मगर
तू एक लकीर, हाथ नहीं मेरे हैं

तेरे सिवा कोई जज्बात नहीं
आंखों में नमी के आसूं बहते हैं
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
3 Likes · 253 Views
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