अँधेरा
अँधेरा
अपना होता है
जहां
मुखरित होता है
स्वयं से
स्वयं का अस्तित्व
और अंकुरित होता है
एक विश्वास
सवेरे का
अन्धकार के गर्भ से
सुशील सरना
अँधेरा
अपना होता है
जहां
मुखरित होता है
स्वयं से
स्वयं का अस्तित्व
और अंकुरित होता है
एक विश्वास
सवेरे का
अन्धकार के गर्भ से
सुशील सरना