Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2021 · 1 min read

تہذیب

کسی کی آہ سے اور بےبسی سے ڈرتے ہیں۔
کسی کو غم ملے ایسی خوشی سے ڈرتے ہیں۔
💖
شان خالق میں نہ ہو جائے کوئی گستاخی ۔
کسی مخلوق کی ہم بندگی سے ڈرتے ہیں۔
💖
جب سے مدھوش ہوئے ہیں تمہاری آنکھوں سے۔
کسی میخانے کی اب میکشی سے ڈرتے ہیں۔
💖
عشق کرتے ہیں تو ہم جان بھی دے سکتے ہیں۔
پیار سچا ہے جس کا دل لگی سے ڈرتے ہیں۔
💖
مجھے وہ پیار بہت کرتے ہیں حقیقت ہے ۔
قسم خدا کی میرے مفلسی سے ڈرتے ہیں۔
💖
میرے تہذیب وتمدن سے بہت واقف ہے۔
اندھیرا دل میں لئے روشنی سے ڈرتے ہیں ۔
💖
صغیر جس نے بتایا تھا فلسفہ مجھ کو۔
نہ جانے کس لیے وہ عاشقی سے ڈرتے ہیں۔
💖💖💖💖💖💖💖💖
ڈاکٹر صغیر احمد صدیقی خیرا بازار بہرائچ

Language: Urdu
Tag: غزل
239 Views

You may also like these posts

"साथ-साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
"मित्रों से जुड़ना "
DrLakshman Jha Parimal
*अध्याय 2*
*अध्याय 2*
Ravi Prakash
मेरा भगवान तेरा भगवान
मेरा भगवान तेरा भगवान
Mandar Gangal
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वक्त की मार
वक्त की मार
Sakshi Singh
I Fall In Love
I Fall In Love
Vedha Singh
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बनाया था आसियाना मैंने,
बनाया था आसियाना मैंने,
श्याम सांवरा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
प्रेम तत्व
प्रेम तत्व
Rambali Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ग़ज़ल 1
ग़ज़ल 1
Deepesh Dwivedi
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
Deepak Baweja
अनुसंधान
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
Kumar Kalhans
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
झलक जिंदगी
झलक जिंदगी
पूर्वार्थ
टूटता   है  यकीन  खुद  पर  से,
टूटता है यकीन खुद पर से,
Dr fauzia Naseem shad
The Sweet 16s
The Sweet 16s
Natasha Stephen
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
ओनिका सेतिया 'अनु '
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल
फर्क़ क्या पढ़ेगा अगर हम ही नहीं होगे तुमारी महफिल
shabina. Naaz
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
..
..
*प्रणय*
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
Sanjay ' शून्य'
बड़ी सुहानी सी लगे,
बड़ी सुहानी सी लगे,
sushil sarna
Loading...