Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2024 · 1 min read

بدلتا ہے

۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۱۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
وقت کو وقت ہی بدلتا ہے
آدمی آدمی کو چھلتا ہے
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۲۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
جسم کی بات چھوڑ دو جاناں
میرا سایہ ہی مجھکو کھلتا ہے
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۳۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
چاہے چہرہ بدل بھی لے کوئی
اپنی فطرت کہاں بدلتا ہے
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۴۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
اہمیت اس کی کون سمجھے گا
جو دیا آندھیوں میں جلتا ہے
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔ڈاکٹر فوزیہ نسیم شاد۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔

Language: Urdu
Tag: غزل
1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
असली परवाह
असली परवाह
*प्रणय प्रभात*
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें तब बातें प्रतिक्रिया की ह
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें तब बातें प्रतिक्रिया की ह
DrLakshman Jha Parimal
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बहर- 121 22 121 22
बहर- 121 22 121 22
Neelam Sharma
ख़त्म हुआ जो
ख़त्म हुआ जो
Dr fauzia Naseem shad
बच्चों के मन भाता तोता (बाल कविता)
बच्चों के मन भाता तोता (बाल कविता)
Ravi Prakash
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
Sonu sugandh
रंगमंच
रंगमंच
Ritu Asooja
13, हिन्दी- दिवस
13, हिन्दी- दिवस
Dr .Shweta sood 'Madhu'
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
gurudeenverma198
"वे खेलते हैं आग से"
Dr. Kishan tandon kranti
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
Dr Parveen Thakur
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
* मुझे क्या ? *
* मुझे क्या ? *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उदासियाँ  भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
जज्बात की बात -गजल रचना
जज्बात की बात -गजल रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
आंगन की किलकारी बेटी,
आंगन की किलकारी बेटी,
Vindhya Prakash Mishra
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
Vishal babu (vishu)
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
दूर तलक कोई नजर नहीं आया
दूर तलक कोई नजर नहीं आया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
* प्रीति का भाव *
* प्रीति का भाव *
surenderpal vaidya
होली
होली
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...