✍️वक़्त आने पर ✍️
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/636d9c7992884194ef70816f8b0a7f64_da107e52a9a6ac042e64b4e925ad9ee5_600.jpg)
काटों पे चल के फूलों की मंज़िल पाना जानते है,
टूट गए पंख तो क्या उन्हें फ़िर उड़ाना जानते है,
हमारी शराफत को हमारी मजबूरी ना समझना,
वक़्त आने पर अच्छे अच्छों को घुटनों पे लाना जानते है।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी
काटों पे चल के फूलों की मंज़िल पाना जानते है,
टूट गए पंख तो क्या उन्हें फ़िर उड़ाना जानते है,
हमारी शराफत को हमारी मजबूरी ना समझना,
वक़्त आने पर अच्छे अच्छों को घुटनों पे लाना जानते है।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी