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15 Oct 2022 · 1 min read

✍️मगर क्रांति के अंत तक..

पीड़ाएँ कभी
बोलती नहीं
वो मौन
ही रहती है
सब्र के अंत तक..

चेतन मन ही
विद्रोह की निर्मिती
करता है..
अक्सर पीड़ा का मौन
टूटने के बाद..
मगर क्रांति के अंत तक..
……………………………………//
✍️’अशांत’ शेखर
15/10/2022

3 Likes · 4 Comments · 83 Views
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