■ सुझाव / समय की मांग

■ सोशल_मीडिया
■ समय की मांग : कुछ प्रावधान
★ जो बनाएं सोशल प्लेटफॉर्म पर अनुशासन
【प्रणय प्रभात 】
सोशल मीडिया की भूमिका और महत्ता आज किसी से छिपी हुई नहीं है लेकिन इसके उपयोग के साथ-साथ दुरूपयोग की स्थिति भी सर्वविदित है। इसकी वजह है सोशल नेटवर्किंग साइट्स के मनमाने उपयोग की आजादी जिसका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से कोई सरोकार नहीं है। सरकार को इस दिशा में ध्यान देते हुए कुछ आवश्यक पाबंदियां लागू करनी चाहिए ताकि इस अच्छे माध्यम का दुरूपयोग ना हो। जरूरी यह है कि:-
01- मेल आईडी बनाने के लिए फोटोयुक्त पहचान पत्र तथा मोबाइल नंबर की अनिवार्यता लागू हो। भले ही उसे गोपनीय रखा जाए।
02- फेसबुक, ट्विटर या इस तरह की अन्य साइट्स पर वास्तविक नाम से ही एकाउण्ट बन पाए जिनमें अनावश्यक विशेषण ना हों।
03- यूजर का पूरा नाम व सही चित्र सार्वजनिक हो ताकि उसे अपनी मर्यादा और नियम-विधानों के पालन का आभास बना रहे।
04- एक आईडी पर एक ही एकाउण्ट संचालित हो तथा यूजर को अपना प्राथमिक नाम और फोटो बार-बार बदलने की छूट ना हो।
05- प्रचलित भाषाओं की अभद्र और अश्लील शब्दावली का उपयोग प्रतिबंधित हो तथा उनकी पुनरावृत्ति पर एकाउण्ट स्वतः बंद हो जाए।
06- समूह, पेज या ब्लॉग आदि बनाने की अनुमति स्पष्ट सूचनाओं व जानकारियों को प्राप्त करते हुए ही दी जाए ताकि दुरूपयोग रूके।
इस तरह के तमाम संशोधन करते हुए उस माहौल पर प्रभावी अंकुश भी लगाया जा सकता है जो गृहयुद्ध जैसे हालातों को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है। आज अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर जिस तरह की उद्दण्डता और अभद्रता चल रही है उसे देखते हुए नहीं लगता कि यह सोशल नेटवर्किंग प्रणाली डिजीटलाइजेशन की दिशा में बहुत उपयोगी साबित हो पाएगी। तमाम लोगों को सुझावों से आपत्ति हो सकती है उससे मुझे कोई आपत्ति नहीं। तमाम लोगों के पास इससे बेहतर तमाम सुझाव हो सकते हैं जो उन्हें रखने चाहिए। ऐसा मेरा मानना है। आपकी सहमति-असहमति आपका अपना अधिकार है।