Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2022 · 1 min read

■ सामयिक चिंतन

■ आज प्रसाद जी होते तो….!
【प्रणय प्रभात】
कालजयी कृति “कामायनी” के प्रणेता महान कवि श्रद्धेय श्री “जयशंकर प्रसाद” जी ने कभी कहा था-
“नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग-पग-तल में।
पीयूष श्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में।।”
प्रसाद जी यदि आज होते तो शायद कुछ यूँ लिखते-
“नारी तुम श्रद्धा हो कर भी, क्यों फँस जाती हो दलदल में?
टुकड़ों-टुकड़ों में बँट कर के, खोजी जाती हो जंगल मे।।’

【बात उनकी समझ मे आएगी जिनकी साहित्य व सामयिक संदर्भों पर पकड़ होगी। बाक़ी के लिए इस बार भी “काला अक्षर ————/】

Language: Hindi
1 Like · 62 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
आदमखोर बना जहाँ,
आदमखोर बना जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
माँ मेरी परिकल्पना
माँ मेरी परिकल्पना
Dr Manju Saini
💐अज्ञात के प्रति-69💐
💐अज्ञात के प्रति-69💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Budhape ki lathi samjhi
Budhape ki lathi samjhi
Sakshi Tripathi
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
Irshad Aatif
हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
जय लगन कुमार हैप्पी
उपदेश से तृप्त किया ।
उपदेश से तृप्त किया ।
Buddha Prakash
आप किसी के बनाए
आप किसी के बनाए
*Author प्रणय प्रभात*
You are not born
You are not born
Vandana maurya
कल बहुत कुछ सीखा गए
कल बहुत कुछ सीखा गए
Dushyant kumar Patel
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
शिक्षा बिना है, जीवन में अंधियारा
gurudeenverma198
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
मंजिले तड़प रहीं, मिलने को ए सिपाही
Er.Navaneet R Shandily
साहस
साहस
श्री रमण 'श्रीपद्'
जग जननी
जग जननी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
Shivkumar Bilagrami
"गिल्ली-डण्डा"
Dr. Kishan tandon kranti
ससुराल गेंदा फूल
ससुराल गेंदा फूल
Seema gupta,Alwar
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
Sunita jauhari
मोबाइल के भक्त
मोबाइल के भक्त
Satish Srijan
✍️पत्थर का बनाना पड़ता है ✍️
✍️पत्थर का बनाना पड़ता है ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
नेतागिरी करने लगा है, जज तुम्हारा फैसला (हिंदी गजल/ गीतिका)
नेतागिरी करने लगा है, जज तुम्हारा फैसला (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन
मन
Dr.Priya Soni Khare
कबीर का पैगाम
कबीर का पैगाम
Shekhar Chandra Mitra
मैं भौंर की हूं लालिमा।
मैं भौंर की हूं लालिमा।
Surinder blackpen
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
वो मुझ को
वो मुझ को "दिल" " ज़िगर" "जान" सब बोलती है मुर्शद
Vishal babu (vishu)
Never trust people who tells others secret
Never trust people who tells others secret
Md Ziaulla
नैन
नैन
Taran Verma
Loading...