मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
विविध विषय आधारित कुंडलियां
*सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था।
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
यूंही सावन में तुम बुनबुनाती रहो
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
■ पहले आवेदन (याचना) करो। फिर जुगाड़ लगाओ और पाओ सम्मान छाप प
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
-- नसीहत --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
23/169.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पहाड़ की सोच हम रखते हैं।