लोग कहते ही दो दिन की है ,
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
जब भी सोचता हूं, कि मै ने उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
ये ज़िंदगी एक अजीब कहानी है !!
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है