■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
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#अहम_सवाल
■ मीठा-मीठा गप्प तो कड़वा-कड़वा थू कैसे??
जब हर शब्द असंसदीय है तो फिर संसदीय क्या है? जो देश भर में प्रचलित है वो संसद में निषिद्ध कैसे? क्या संसद या कोई भी सदन देश से बड़ा है? सवाल तो बनते ही हैं नीति-निर्धारकों से, जो अपने शब्दों और वाक्यों को ऋचाऐं मानते हैं तथा औरों के शब्दों को गाली)
■प्रणय प्रभात■