#काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से?
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
*वो एक वादा ,जो तूने किया था ,क्या हुआ उसका*
*हमें बेटी बचाना है, हमें बेटी पढ़ाना है (मुक्तक)*
तू
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
दिल हमारा तुम्हारा धड़कने लगा।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
जख्म पाने के लिए ---------
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
क्रोध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।