Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2016 · 2 min read

ग़ज़ल

आँखो से ही कह दो जानम, गुप् चुप ही इक़रार करो,
हमने कब ये माँगा तुमसे, चाहत को अखबार करो।

शीशे का जो दिल रक्खोगे, चूर चूर हो जाएगा,
इस ज़ालिम दुनिया के आगे, दिल को पत्थर यार करो।

खूब लिखा सपनो को अब तक, प्रेम कसीदे पढ़े कई,
अब तो खूने दिल से अपने, लफ़्ज़ों का श्रृंगार करो।

प्यार किसे कहते हैं यारा, खुद अहसास तुम्हे होगा,
इक वादे पर कच्चा घड़ा ले, जो तुम नदिया पार करो।

बहुत सुलह की बात हो चुकी, धीरज बहुत धरा अब तक
पानी सिर से ऊपर पहुँचा, आर करो या पार करो।

खिड़की से देखा है जितना , उतना ही आकाश मिला,
बेटी चीख चीख कर कहती, अब इसका विस्तार करो।

कैस डरा कब बोलो है या, लैला ने बंदिश मानी,
जान भी देकर यही सिखाया, प्यार करो बस प्यार करो।

सदियाँ गुज़री मज़लूमो को, मिला नही कोई हक़ भी,
जिम्मेदारी बनती अपनी, कुछ तो अब सरकार करो।

जिस पौधे को सींचा तुमने फल वो औरों को देगा,
उम्मीदें मत रक्खो उससे , सच ये बस स्वीकार करो।

लहू रगों में बलिदानी है, व्यर्थ बहाओ इसको मत,
टूट पड़ो अब आतंकी पर, खुद को इक तलवार करो।

किस मज़हब ने तुम्हे सिखाया, नफरत की खेती करना,
किस पुस्तक में लिखा हुआ है, लाशों का व्यापार करो।

चौराहो पर लुटी हमेशा, दांव लगी चौसर पे हो
नारी तुमसे अब विनती है,खुलकर तुम प्रतिकार करो।

तन्दूरो की आग सिसकती, तेज़ाबी बोतल कहती,
शर्म करो आदम के बच्चे, इंसा बन व्यवहार करो।

अहसासो ने ली अंगड़ाई, भाँवर पड़ी उम्मीदों की
ब्याह रचा है सपन ‘शिखा’ अब, दिल डोली तैयार करो

3 Comments · 579 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

रचना का नाम - दो दिन दो पाठ
रचना का नाम - दो दिन दो पाठ
Babiya khatoon
ये बेजुबान हैं
ये बेजुबान हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
आया जाड़ा (बाल कविता)
आया जाड़ा (बाल कविता)
Ravi Prakash
मैं वो नदिया नहीं हूँ
मैं वो नदिया नहीं हूँ
Saraswati Bajpai
"अनन्त "
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य तो सत्य होता है
सत्य तो सत्य होता है
Kirtika Namdev
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
HEBA
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
कमी नहीं
कमी नहीं
Dr fauzia Naseem shad
साथ हूँ।
साथ हूँ।
लक्ष्मी सिंह
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
एंजॉय करने में हर मोमेंट को कोई कंजूसी नही करनी चाहिए,
एंजॉय करने में हर मोमेंट को कोई कंजूसी नही करनी चाहिए,
पूर्वार्थ
कविता क्या होती है...?
कविता क्या होती है...?
Rajdeep Singh Inda
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
मधुसूदन गौतम
आइना कब बनाओगी मुझको ?
आइना कब बनाओगी मुझको ?
Keshav kishor Kumar
एक हार से अंत नहीं होता
एक हार से अंत नहीं होता
ARVIND KUMAR GIRI
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
"व्यर्थ सलाह "
Yogendra Chaturwedi
Love Is The Reason Behind.
Love Is The Reason Behind.
Manisha Manjari
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
Atul "Krishn"
देश के दिल दिल्ली से राष्ट्र को संस्कृतमय करने की अनूठी पहल
देश के दिल दिल्ली से राष्ट्र को संस्कृतमय करने की अनूठी पहल
सुशील कुमार 'नवीन'
आम की गुठली
आम की गुठली
Seema gupta,Alwar
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
Pratibha Pandey
20. I'm a gender too !
20. I'm a gender too !
Ahtesham Ahmad
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
दोस्ती
दोस्ती
Phool gufran
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
अगर कोई इच्छा हो राहें भी मिल जाती है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक दुआ दिल से
एक दुआ दिल से
MEENU SHARMA
Loading...