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27 Feb 2023 · 1 min read

होली का त्यौहार (बाल कविता)

होली का त्यौहार (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■■■■
हाथी दादा चल पड़े
होली का त्यौहार,
रंग भरी थी सूँड ज्यों
पिचकारी की धार

चलते-चलते राह
सामने चूहा आया,
रँगा-पुता था मगर
सूँड से था घबराया

बोला दादा ! करो रहम
हम मर जाएगा,
सूँड चली तो कहर
सुनामी का आएगा
■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 761 5451

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