होठों को रख कर मौन
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/f40b915b3f5d41d7813f00506805172d_fa603fd6c13507c6f2f3b35414c033f8_600.jpg)
होठों को रख कर मौन
बातेँ आँखों से
आँखों की होने दो
बहुत पावन है प्रेम प्रिये
रूह से रूह का आलिंगन होने दो
जिस्मों की ख्वाहिश रखें क्यूँ
धड़कन को मिल कर धड़कन से
नयी प्रेम कथा एक रचने दो !!!!!
हिमांशु Kulshrestha
होठों को रख कर मौन
बातेँ आँखों से
आँखों की होने दो
बहुत पावन है प्रेम प्रिये
रूह से रूह का आलिंगन होने दो
जिस्मों की ख्वाहिश रखें क्यूँ
धड़कन को मिल कर धड़कन से
नयी प्रेम कथा एक रचने दो !!!!!
हिमांशु Kulshrestha