Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2019 · 2 min read

हॉस्पिटल मैनेजमेंट

हॉस्पिटल मैनेजमेंट
“सर, जब आप क्लास में हमें पढ़ाया करते थे, तब आपका एक दूसरा ही रूप देखा करता था, यहाँ हॉस्पिटल में आप एकदम दूसरे व्यक्तित्व के स्वामी लगते हैं।” जूनियर डॉक्टर ने अपने सीनियर डॉक्टर से कहा।
“बेटा, कॉलेज में मैं एक टीचर के रूप में अपनी सेवाएँ देता हूँ और यहाँ एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर होने के साथ-साथ मैनेजमेंट भी देखता हूँ।” सीनियर डॉक्टर ने कहा।
“जी सर, वही देख कर मन में जिज्ञासा हुई, तो आपसे पूछ लिया।” जूनियर डॉक्टर ने कहा।
“यही सब तुम्हें भी सीखनी है डॉक्टर। मेडिकल कॉलेज में बहुत सीख ली थ्योरीटिकल नॉलेज। अब प्रैक्टिकल नॉलेज भी सीखो। वही जीवनभर काम आएगा।” उसकी पीठ थपथपाते हुए सीनियर डॉक्टर ने कहा।
“जी सर। आप जैसा आदेश करें।” जूनियर ने कहा।
“देखो पेसेंट या उसके फैमिली मेंबर्स से हमेशा इलाज का खर्च बताते समय टेस्ट, दवाई और प्राईवेट रूम चार्ज की बात एक साथ जोड़कर नहीं, अलग-अलग करके बताया करो, ताकि उन्हें बहुत अधिक न लगे। ऑपरेशन की पेमेंट भी एकमुश्त नहीं, धीरे-धीरे किश्तों में लो।” सीनियर डॉक्टर ने समझाया।
“यस सर।” जूनियर डॉक्टर ने कहा।
“ऑपरेशन के थोड़ी देर पहले ही जरूरी-गैरजरूरी दवाइयों की लंबी-चौड़ी लिस्ट देकर ढेर सारी दवाइयाँ मंगवा लो। फिर उसमें से 10-15% प्रतिशत दवाई ‘बच गई हैं, इन्हें मेडिकल स्टोर में लौटा दो, पैसे रिफंड हो जाएँगे’ कहकर उनका दिल जीत लो।” आज सीनियर डॉक्टर मानो अपने सुदीर्घ जीवनानुभव का निचोड़ सामने रखने की ठान लिए थे।
“वाह, क्या मैनेजमेंट ट्रीक है सर।” जूनियर डॉक्टर सीनियर डॉक्टर की प्रतिभा का कायल हो गया था।
“और हाँ, पेसेंट को डिस्चार्ज तभी करना, जब हॉस्पिटल में कोई अगला पेसेंट आ जाए। समय-समय पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट के मेडिकल स्टोर की स्टाक का भी चैक करते रहना।” सीनियर डॉक्टर समझाते हुए बोले।
“वो क्यों सर ?” उसने जिज्ञासावश पूछ लिया।
“वो इसलिए कि जिन दवाओं की एक्स्पायरी डेट खत्म होने की कगार पर हों, उनका अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित हो सके, ताकि उन्हें फेंकना न पड़े। जितनी तुम मैनेजमेंट की केयर करोगे, उतनी ही मैनेजमेंट भी तुम्हारी केयर करेगी। समझ गए मेरी बात।” सीनियर डॉक्टर बोले।
“यस सर।” जूनियर बोला और अपने काम पर लग गया।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायगढ़, छत्तीसगढ़

603 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हरवंश हृदय
हनुमान जी
हनुमान जी
Sudhir srivastava
पश्चाताप - ( किशोर कहानी )
पश्चाताप - ( किशोर कहानी )
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
मेरी कलम......
मेरी कलम......
Naushaba Suriya
तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
Bindesh kumar jha
ना जाने क्या हो गया है मुझे जाने कहाँ खो गया हूँ मैं, और ना
ना जाने क्या हो गया है मुझे जाने कहाँ खो गया हूँ मैं, और ना
पूर्वार्थ देव
"रचना मुर्गी के अंडे की तरह सेने से तैयार नहीं होती। यह अंतर
*प्रणय*
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
Shikha Mishra
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
कान्हा और मीरा
कान्हा और मीरा
पूर्वार्थ
धन्यवाद
धन्यवाद
Rambali Mishra
दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है।
दुनिया वालो आँखें खोलो, ये अभिनव भारत है।
श्रीकृष्ण शुक्ल
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
Shweta Soni
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
जीवन पथ एक नैय्या है,
जीवन पथ एक नैय्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
!!! नानी जी !!!
!!! नानी जी !!!
जगदीश लववंशी
उत्तराखंड के बाद अब दहकने लगे दुनियां के फेफड़े
उत्तराखंड के बाद अब दहकने लगे दुनियां के फेफड़े
Rakshita Bora
नारी....एक सच
नारी....एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
4093.💐 *पूर्णिका* 💐
4093.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गर्मी
गर्मी
Dhirendra Singh
Guilt
Guilt
सुकृति
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Aisa Pyar De Paogi Kya......
Aisa Pyar De Paogi Kya......
Rahul Singh
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
रुचि शर्मा
कोमल अग्रवाल की कलम से, 'जाने कब'
कोमल अग्रवाल की कलम से, 'जाने कब'
komalagrawal750
सच्चा मीत
सच्चा मीत
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...