है कौन वहां शिखर पर
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है कौन वहां शिखर पर जो दे रहा आवाज है
तुम में है कुछ बात वो ही वहां से बतला रहा है
जानो खुद को पहचानो खुद को कह रहा है
है कौन वहां शिखर पर जो दे रहा आवाज है
तुम ही हो जिसने खुद पर विजय पायी थी
जब घोर तम की निशा तुम पर छायी थी
तुम ने ही तो सब को रौशनी दिखाई थी
फिर क्यों आज खुद को बोना बता रहा है
है कौन वहां शिखर पर जो दे रहा आवाज है