Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2022 · 1 min read

हे मेरे परवरदिगार

इस भीड़ की तन्हाई में दम घुट जायेगा
हे मेरे परवरदिगार अब तो मुझसे आन मिलो।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
Tag: कविता
109 Views
You may also like:
प्रणय 3
प्रणय 3
Ankita Patel
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:40
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:40
AJAY AMITABH SUMAN
आओ दीप जलाएं
आओ दीप जलाएं
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो जाए,
खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो...
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
खुद को मूर्ख बनाते हैं हम
खुद को मूर्ख बनाते हैं हम
Surinder blackpen
We can not judge in our life ,
We can not judge in our life ,
Sakshi Tripathi
यह तुमने क्या किया है
यह तुमने क्या किया है
gurudeenverma198
बदल गया मेरा मासूम दिल
बदल गया मेरा मासूम दिल
Anamika Singh
खून के बदले आजादी
खून के बदले आजादी
अनूप अम्बर
"पैसा"
Dr. Kishan tandon kranti
ये संघर्ष
ये संघर्ष
Ray's Gupta
Hello Sun!
Hello Sun!
Buddha Prakash
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
'अशांत' शेखर
क्रांतिकारी विरसा मुंडा
क्रांतिकारी विरसा मुंडा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अंबेडकर की आख़िरी इच्छा
अंबेडकर की आख़िरी इच्छा
Shekhar Chandra Mitra
दुनिया में क्यों दुख ही दुख है
दुनिया में क्यों दुख ही दुख है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
“उच्छृंखलता सदैव घातक मानी जाती है”
“उच्छृंखलता सदैव घातक मानी जाती है”
DrLakshman Jha Parimal
कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया।
कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने...
Manisha Manjari
हम फरिश्ता तो हो नहीं सकते
हम फरिश्ता तो हो नहीं सकते
Dr fauzia Naseem shad
मेरी सफर शायरी
मेरी सफर शायरी
Ankit Halke jha
गीत : ना जीवन जीना छोड़…
गीत : ना जीवन जीना छोड़…
शांतिलाल सोनी
अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते
Ram Krishan Rastogi
जो ना होना था
जो ना होना था
shabina. Naaz
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो...
Chaurasia Kundan
ख्याल में तुम
ख्याल में तुम
N.ksahu0007@writer
■ तेवरी / देसी ग़ज़ल
■ तेवरी / देसी ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*एक साथी क्या गया, जैसे जमाना सब गया (हिंदी गजल/...
Ravi Prakash
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
2225.
2225.
Khedu Bharti "Satyesh"
Loading...