Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2016 · 1 min read

हुसन तेरा जालिम/मंदीपसाई

हुसन तेरा जालिम मुझ पर कहर बरसाये,
चाल तेरी मस्तानी मेरे दिल में आग लगाये।

हुसन की मलिका हो या कोई अप्सरा,
देख तेरे हुसन को ये चाँदनी भी सर्मा जाये।

आँखे तेरी झील सी गहरी,
कमर पर केस लम्बे जैसे नागिन बलखाये।

चाल ऐसी की कोई लरजती टहनी,
हवा का जोका भी तुम को छुना चाहे।

करता फ़रयाद “मंदीप” तुम को पाने की,
देखो आँखे में उसके तुम को प्यार ही नजर आये।

मंदीपसाई

372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कहो इसकी वजह क्या है
कहो इसकी वजह क्या है
gurudeenverma198
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उम्र भर बस यही मलाल रहेगा ,
उम्र भर बस यही मलाल रहेगा ,
Manju sagar
दम उलझता है
दम उलझता है
Dr fauzia Naseem shad
लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है
लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है
VINOD CHAUHAN
पंछी अकेला
पंछी अकेला
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
ज्योति : रामपुर उत्तर प्रदेश का सर्वप्रथम हिंदी साप्ताहिक
ज्योति : रामपुर उत्तर प्रदेश का सर्वप्रथम हिंदी साप्ताहिक
Ravi Prakash
जंग अहम की
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
.
.
हिमांशु Kulshrestha
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
रावण का अंतिम क्षण
रावण का अंतिम क्षण
पूर्वार्थ
संवेदना
संवेदना
Khajan Singh Nain
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
दिल मेरा एक परिंदा
दिल मेरा एक परिंदा
Sarita Shukla
#जय_महाकाल।
#जय_महाकाल।
*प्रणय प्रभात*
जब भी ज़िम्मा सौंप दिया धूर्तों को पहरेदारी का,
जब भी ज़िम्मा सौंप दिया धूर्तों को पहरेदारी का,
jyoti jwala
" यकीन "
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
Yogendra Chaturwedi
सिर्फ वही इंसान शिक्षित है, जिसने सीखना और परिस्थितियों के अ
सिर्फ वही इंसान शिक्षित है, जिसने सीखना और परिस्थितियों के अ
इशरत हिदायत ख़ान
मैं एक राह चुनती हूँ ,
मैं एक राह चुनती हूँ ,
Manisha Wandhare
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धीरे धीरे ही सही
धीरे धीरे ही सही
Dhirendra Panchal
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
MEENU SHARMA
समय का‌ पहिया
समय का‌ पहिया
राकेश पाठक कठारा
चलते हुए मैंने जाना डगर में,
चलते हुए मैंने जाना डगर में,
हरीश पटेल ' हर'
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
3483.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3483.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
आया होली का त्योहार
आया होली का त्योहार
नेताम आर सी
प्रेमिका और पत्नी।
प्रेमिका और पत्नी।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...