“हाय री कलयुग”
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“हाय री कलयुग”
कैसा ये कपटी जमाना आया
हाय तौबा मची है चारों ओर
रिश्ते नाते सब हो गए ख़तम
मीनू पुकारे हाय री कलयुग,
विधवा कोटा नौकरी पाने को
कोई अपने पति को मार रही
खात्मा हुए भावनाओं का अब
मीनू पुकारे हाय री कलयुग,
बेटा बहू अच्छे ना लगे मां को
बहन मांगे जमीन भाई की
अरे पैसे से भरता नहीं पेट
मीनू पुकारे हाय री कलयुग,
ननद चाहती नहीं भाभी को
भाई बन गया भाई का दुश्मन
देवरानी जेठानी झगड़ें आपस में
मीनू पुकारे हाय री कलयुग,
लालची हुआ है सारा जमाना
वृद्ध मां बाप सड़ें वृद्धाश्रम में
लाश को कंधा देती एंबुलेंस
मीनू पुकारे हाय री कलयुग।