Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2023 · 1 min read

हवा में हाथ

बुनियाद हिलने लगी है ‘मुसाफिर’
कमजोर यकीं दबे पत्थर का हुआ…
ये सिलसिला मेरे ही घर का नहीं
ये तेरे, उसके भी घर का हुआ…
नहीं है अब कोई रहमत यहां,
नहीं फायदा है झोली फैलाने का।
झुका लो हाथ ऐ मुसाफिर,
कोई असर नहीं हवा में हाथ उठाने का।

समझते हैं स्वार्थी तुझे
मगर मतलब का यहां कोई नाम नहीं
जो शक की तलवार से काट रहे
वहां प्रेम, मित्रता का रहा काम नहीं
मुश्किलें कितनी वो क्या जाने
अंजाम है हालात से टकराने का।
यहां तेरा,मेरा है कोई नहीं…
और असर नहीं हवा में हाथ उठाने का।

कुछ हंस रहे हैं हालात देखकर
कुछ पीठ पीछे खंजर घोंप रहे है
सहारे की उम्मीद भी अब क्या?
तू मतलबी है ये सब सोच रहे हैं
काला मन हो तो क्या करें?
वहां ठीक नहीं समझाने का।
अब कौन बनेगा सहारा ऐ मुसाफिर
नहीं असर हवा में हाथ उठाने का।

हाय! पानी फिर गया यकीं पर
बंजर हृदय को कर डाला
टूटा था पहले से ही बहुत
अब घोर क्षोभ से भर डाला
क्यों इंसानियत मर चुकी है?
क्यूं दौर है ये बदल जाने का।
मिथ्या ही लगेगा तू सबको,
यहां असर है झूठ,छल कपटी जमाने का।।

रोहताश वर्मा ‘ मुसाफ़िर ‘

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 10 Views

Books from रोहताश वर्मा मुसाफिर

You may also like:
💐प्रेम कौतुक-451💐
💐प्रेम कौतुक-451💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Bahut hui lukka chhipi ,
Bahut hui lukka chhipi ,
Sakshi Tripathi
वो पल मेरे वापस लौटा दो मुझको
वो पल मेरे वापस लौटा दो मुझको
gurudeenverma198
आओ दीप जलाएं
आओ दीप जलाएं
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
विरहन
विरहन
umesh mehra
तुझे मतलूब थी वो रातें कभी
तुझे मतलूब थी वो रातें कभी
Manoj Kumar
"मैं" का मैदान बहुत विस्तृत होता है , जिसमें अहम...
Seema Verma
बुद्ध वचन सुन लो
बुद्ध वचन सुन लो
Buddha Prakash
होली का रंग
होली का रंग
मनोज कर्ण
नादान बनों
नादान बनों
Satish Srijan
बड़ा ही हसीन होता है ये नन्हा बचपन
बड़ा ही हसीन होता है ये नन्हा बचपन
'अशांत' शेखर
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बाल कहानी- प्यारे चाचा
बाल कहानी- प्यारे चाचा
SHAMA PARVEEN
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
Shubham Pandey (S P)
आवाज़ उठा
आवाज़ उठा
Shekhar Chandra Mitra
तेरी अबरू लाजवाब है
तेरी अबरू लाजवाब है
Shiv kumar Barman
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
Ankit Halke jha
हम ऐसे ज़ोहरा-जमालों में डूब जाते हैं
हम ऐसे ज़ोहरा-जमालों में डूब जाते हैं
Anis Shah
*कंधों में अब दम ही कब है, अर्थी कैसे ढोयेंगे (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*कंधों में अब दम ही कब है, अर्थी कैसे ढोयेंगे...
Ravi Prakash
संविधान /
संविधान /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
लेखनी
लेखनी
Rashmi Sanjay
मेरी बिखरी जिन्दगी के।
मेरी बिखरी जिन्दगी के।
Taj Mohammad
“उच्छृंखलता सदैव घातक मानी जाती है”
“उच्छृंखलता सदैव घातक मानी जाती है”
DrLakshman Jha Parimal
■ हाल-बेहाल...
■ हाल-बेहाल...
*Author प्रणय प्रभात*
अपनी क़ीमत कोई नहीं
अपनी क़ीमत कोई नहीं
Dr fauzia Naseem shad
दामोदर लीला
दामोदर लीला
Pooja Singh
नारी शक्ति..................
नारी शक्ति..................
Surya Barman
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...