हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है
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हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है।
शायद तुझे गलत लोगो ने गलत ही समझाया है।।
शायद हम उनकी नज़रों से बहुत दूर हो चुके है।
लगता है उनको काफी अफवाहों ने बहकाया है।।
हमने नही उनको जमाने के लोगो ने सताया है।
खफ़ा हम से है,जैसा लोगो ने मुझे समझाया है।।
मैने तो उनके बारे में एक लफ़्ज भी नही कहा है।
शायद कुछ लोगो ने मेरे बारे में उसे उसकाया है।
सूरज व चांद पर उंगली न उठाओ ऐ जमीं वालो।
दोनो ही दिया है तुमको,उजाले का यह साया है।।
रस्तोगी अब क्या करे और उसे कैसे समझाए।
कोशिश बहुत की मैने,पर अक्ल में न आया है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम