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21 Aug 2016 · 1 min read

हमें उनसे मुहब्बत हो रही है

हमें उनसे मुहब्बत हो रही है
ज़मीने-दिल भी जन्नत हो रही है

किसी का हुस्न ऐसा आइना है
जिसे देखूं तो हैरत हो रही है

ख़ुदा से माँगना है रोज़ उसको
मिरी चाहत इबादत हो रही है

क़दम उसके पड़े हैघर में जब से
ये मेरे घर में बरकत हो रही है

यकीं आता नहीं है सच है लेकिन
हमें अब उसकी आदत हो रही है

बुजुर्गों की दुआओं का असर है
ये सीरत ख़ूबसूरत हो रही है

नज़ीर नज़र

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